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Path Online Swadhyay Children This category will contain material related to small kids like poems, videos, stories which can be used in Pathshala. Anyone is free to contribute to this category after approval from admin. Please contact @Divya or @jainsulabh to contribute to this. Blogs Blogs in all the four Anuyog can be written under this category. Hindi and English languages are most preferred. Terminology Shastra This will contain all the Shastras basic intro, PDF link and web view of all the shastra. Following is the format: Puja अरहन्त आदि का उद्देश्य करके गंध, पुष्प, धूप, अक्षतादि अर्पित करना द्रव्यपूजा है तथा उनके आदर में खड़े होना, प्रदक्षिणा करना, प्रणाम करना आदि शारीरिक क्रिया और वचन से गुणों का स्तवन भी द्रव्यपूजा है तथा मन से उनके गुणों का स्मरण भावपूजा है। Bhakti चेतन, जड़ नहीं होता और जड़, चेतन नहीं होता। जड़ के स्वभाव में चेतनपना नहीं होता और चेतन के स्वभाव में जड़पना नहीं होता। जड़ के संयोग से होनेवाला विकार भी वस्तुतः चेतन का स्वभाव नहीं है। जैसे, सर्वज्ञदेव वीतराग बिम्ब है, वैसा ही आत्मा का स्वभाव है - ऐसे लक्ष्यसहित वीतराग भगवान की भक्ति इत्यादि का राग आवे, वह प्रात:काल की सन्ध्या / लालिमा जैसा है। जिस प्रकार प्रात:काल की सन्ध्या / लालिमा के पश्चात् सूर्योदय होता है और सायंकाल की सन्ध्या / लालिमा के पश्चात् सूर्यास्त हो जाता है; उसी प्रकार वीतरागता के लक्ष्यपूर्वक भगवान की भक्ति इत्यादि का जो शुभराग है, वह प्रात:कालीन लालिमा के समान है; तत्पश्चात् जगमगाता चैतन्य सूर्य उदय होनेवाला है।