Table
| आचार्य | समय | ग्रन्थ |
|---|---|---|
| 300 BC | Jains were split into digambar and svetambar after the serious famine during the era of chandragupt maurya | |
| पुष्पदंत / भूतवलि आचार्य | षट्खण्डागम (श्रीधवल जयधवल महाधवल) | |
| कुन्दकुन्द आचार्य | 29 BC | समयसार, प्रवचनसार, नियमसार, अष्टपाहुड, पंचास्तिकाय संग्रह, रयणसार |
| उमास्वामी आचार्य | 4 | तत्वार्थसूत्र |
| समंतभद्र आचार्य | 20 | रत्नकरण्डश्रावकाचार्य, स्वयंभू स्तोत्र (देवागम स्तोत्र) |
| शिवाचार्य | भगवती आराधना | |
| पूज्यपाद आचार्य | 344 | इष्टोपदेश, समाधीतंत्र, सर्वार्थसिद्धि |
| Assumption - कुंदकुंद आचार्य और पूज्यपाद आचार्य रिद्धिधारी थे तो कह सकते है कि इसके आगे रिद्धिधारी मुनि नहीं हुए होंगे | ||
| प्रभाचन्द्र आचार्य | 397 | प्रमेयकमलमार्तण्डेय, न्यायकुमुदचंद्रोदय |
| वीरनन्दी आचार्य | 400 | आचारसार, चन्द्रप्रभ काव्य |
| माणिक्यनंदी आचार्य | 513 | परीक्षामुख |
| नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती आचार्य | 679 | गोमटसार, लब्धिसार, क्षपनासार, द्रव्यसंग्रह, त्रिलोकसार |
| मानतुंग आचार्य | 700 | भक्तामर स्तोत्र |
| Assumption - कह सकते है कि इसके आगे चमत्कार होना बंद हो गए होंगे | ||
| वट्टकेर आचार्य | मूलाचार | |
| रविषेण आचार्य | 778 | पद्मपुराण |
| अकलंक आचार्य | 800 | राजवार्तिक, अष्टशती, लघुत्रयी, परमानन्द स्तोत्र |
| जिनसेन आचार्य | 816 | हरिवंशपुराण, आदिपुराण |
| गुणभद्र आचार्य | 819 | उत्तरपुराण, आत्मनुशाशन, जिनदत्त चरित्र |
| कार्तिकेय स्वामी | कार्तिकेयअनुप्रेक्षा | |
| योगिन्दुदेव आचार्य | योगसार, परमात्मप्रकाश | |
| विद्यानंदी आचार्य (पात्रकेशरी) | 825 | आप्तमीमांशा, प्रमाणपरीक्षा, पत्रपरीक्षा, श्लोकवार्तिक |
| वादिराज आचार्य | 891 | एकीभाव स्तोत्र |
| अमृतचन्द्र आचार्य | 906 | पुरषार्थसिद्धिउपाय, समयसार कलश, नाटकत्रयी |
| अमितगति आचार्य | 969 | धर्मपरीक्षा, श्रावकाचार्य, सुभाषितरत्नसंदोह |
| शुभचन्द्र आचार्य | 994 | ज्ञानार्णव |
| नागसेन मुनिराज | तत्वानुशाशन | |
| 1000 | Md. Ghajni arrived in India | |
| पंडित आशाधर जी | 1192 | अनागार धर्मामृत, सागार धर्मामृत, जिनयज्ञकल्प, आराधना कथाकोष, टीका of मूलाचार, इष्टोपदेश, भगवती आराधना, सहस्त्रनाम स्तवन |
| 1200 | Delhi Sultanate formed | |
| 1300 | Arrival of Allaudin Khilji | |
| श्री धर्मभूषण | न्यायदीपिका | |
| पद्मनन्दि आचार्य | पद्मनन्दिपंचविशन्तिका | |
| अनन्तवीर्य आचार्य | प्रमेयचन्द्रिका | |
| सकलकीर्ति आचार्य | 1444 | सुकुमार चरित्र, शांतिनाथ पुराण, पार्श्वनाथ पुराण, वर्धमान पुराण |
| 1500 | Arrival of Mughals | |
| पंडित बनारसीदास जी | 1640 | नाटक समयसार |
| 1640 | formation of 13 pnth and 20 pnth among Jains | |
| पंडित टेकचंद जी | 1782 | सुदृष्टितरंगनी |
| कवि बुधजन जी | 1815 | बुधजन सतसई, टीका of पंचास्तिकाय संग्रह |
| पंडित टोडरमल जी | ~1831 | मोक्षमार्गप्रकाशक, टीका of गोमटसार, लब्धिसार, क्षपनासार, त्रिलोकसार, आत्मनुशाशन, पुरषार्थसिद्धिउपाय |
| पंडित दौलतराम जी | 1834 | छहढाला, दौलतविलास, पुण्यास्रव कथाकोष, टीका of आदिपुराण, पद्मपुराण, हरिवंशपुराण, श्रीपाल चरित्र, श्रेणिक चरित्र, जीवंधर चरित्र, कार्तिकेयानुप्रेक्षा, परमात्मप्रकाश |
| कवि भागचंद जी | 1850 | सत्तास्वरूप, महावीराष्ठ्क, टीका of ज्ञान सूर्योदय नाटक, नेमिनाथ पुराण, अमितगति श्रावकाचार्य |