जिन देख मगन भयो मेरो मनवा-२ ॥
शुभ को उदय भयो अब मोहे अशुभ जलें जैसे सूखे पतवा ॥१॥ जिन…
तीन लोक के नाथ निहारे नगन दिगम्बर जाके तनवा ॥२ ।। जिन…
‘दौलत’ राम दोहु कर जोड़े नित उठ गावत तेरो गुणवा ॥३॥ जिन…
Artist - पंडित दौलतराम जी
जिन देख मगन भयो मेरो मनवा-२ ॥
शुभ को उदय भयो अब मोहे अशुभ जलें जैसे सूखे पतवा ॥१॥ जिन…
तीन लोक के नाथ निहारे नगन दिगम्बर जाके तनवा ॥२ ।। जिन…
‘दौलत’ राम दोहु कर जोड़े नित उठ गावत तेरो गुणवा ॥३॥ जिन…
Artist - पंडित दौलतराम जी