जे सहज होरी के खिलारी | Je sahaj hori ke khilari

जे सहज होरी के खिलारी, तिन जीवन की बलिहारी ।।टेक ।।
शांतभाव कुंकुम रस चन्दन, भर समता पिचकारी ।
उड़त गुलाल निर्जरा संवर, अंबर पहरैं भारी ।।१ ।।
सम्यकदर्शनादि सँग लेकै, परम सखा सुखकारी ।
भींज रहे निज ध्यान रंगमें, सुमति सखी प्रियनारी ।।२ ।।
कर स्नान ज्ञान जलमें पुनि, विमल भये शिवचारी ।
`भागचन्द’ तिन प्रति नित वंदन, भावसमेत हमारी ।।३ ।।

Artist - पं. श्री भागचंद जी

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Please kindly mention lyricist and composer/singer separately.:pray:

Okay bhaiya… we can use lyricist from now on for bhajan writers.

भजन गायक : श्रीपद जी अरोंकर

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