इन विभावों से दूर इन विकारों से दूर
आतमराम में आनंद प्रचूर प्रचूर ।।
मिला ये मौका न्यारा, तू काम करले प्यारा
सद्गुरु का सहारा मिले ना दोबारा
आया आया अवसर, करले जीवन सफल
आतमराम में आनंद प्रचूर प्रचूर ।।1।।
ना ज्ञान पर से आता, ना ज्ञान पर में जाता
अपने स्वभाव में रहता है ज्ञेयों का ज्ञाता
ऐसा ज्ञान प्रकाश करे कर्मों का नाश
आतमराम में आनंद प्रचूर प्रचूर ।।2।।
सहज स्वरुपी मैं हूँ अविनाशी अरूपी मैं हूँ
शांति का सागर मैं हूँ गुणों का मै घर हूँ
आया आया अवसर, करले जीवन सफल
आतमराम में आनंद प्रचूर प्रचूर।।3।।
इन विभावों से दूर इन विकारों से दूर
आतमराम में आनंद प्रचूर प्रचूर ।।
Artist:- ब्र. वासन्ती बेन देवलाली