देखो भाई! आतमराम विराजै | Dekho bhai aatam raam viraje

देखो भाई! आतमराम विराजै
छहों दरब नव तत्त्व ज्ञेय हैं, आप सुज्ञायक छाजै।।देखो. ।।

अर्हंत सिद्ध सूरि गुरु मुनिवर, पाचौं पद जिहिमाहीं ।
दरसन ज्ञान चरन तप जिहिमें, पटतर कोऊ नाहीं ।।देखो. ।।१ ।।

ज्ञान चेतना कहिये जाकी, बाकी पुद्गलकेरी ।
केवलज्ञान विभूति जासुकै, आन विभौ भ्रमचेरी ।।देखो. ।।२ ।।

एकेन्द्री पंचेन्द्री पुद्गल, जीव अतिन्द्री ज्ञाता ।
`द्यानत’ ताही शुद्ध दरबको जानपनो सुखदाता ।।देखो. ।।३ ।।

Artist - श्री द्यानतराय जी

2 Likes