आयो आयो रे हमारो | Aayo Aayo Re Hamaro

आयो आयो रे हमारो बड़ो भाग कि हम आए पूजन को |
पूजन को प्रभु दर्शन को, पावन प्रभु-पद पर्शन को ||

जिनवर की अंतरमुख मुद्रा आतम दर्श कराती।
मोह महामल प्रक्षालन कर शुद्ध स्वरूप दिखाती||(1)

भव्य अकृत्रिम चैत्यालय की जग में शोभा भारी।
मंगल ध्वज ले सुरपति आए शोभा जिसकी न्यारी ||(2)

अनेकान्तमय वस्तु समझ जिन शासन ध्वज लहरावें।
स्याद्वाद शैली से प्रभुवर मुक्ति मार्ग समझावे ||(3)

Artist - अज्ञात

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