आतम जान, जान रे जान || टेक ||
जीवन की इच्छा करै, कबहुँ न मांगै काल |
सोई जान्यो जीव है, सुख चाहै दुःख टाल || १ ||
नैन बैन में कौन है, कौन सुनत हैं बात |
देखत क्यों नहीं आप में, जाकी चेतन जात || २ ||
बाहिर ढूंढे दूर है, अन्तर निपट नजीक |
ढूंढ़नवाला कौन है, सोई जानो ठीक || ३ ||
तीन भवन में देखिया, आत्म सम नहिं कोय |
‘द्यानत’ जे अनुभव करैं, तिनकौं शिवसुख होय || ४ ||
Artist- पं. द्यानतराय जी