अभी अभी मेरे मन में ये भाव आया है
ये समयसार सुनाया गया है मेरे लिए।
मोह की नींद से उठाने को
राग का राग सब हटाने को
ज्ञान का दीप जलाया गया है मेरे लिए।।
शुभ अशुभ भाव में खड़ा था मैं
चारों गतियों में ही पड़ा था मैं।
जा निगोंदो में भी खड़ा था मैं
आज सौभाग्य बचा लाया मुझे मेरे लिऐ।।
मोह को जीत निज में आऊँगा
आठों कर्मो में विजय पाऊँगा ।
पूर्ण सिद्धत्व शीघ्र पाऊँगा
मोक्ष का द्वार सजाया गया है मेरे लिए।।
कुन्दकुन्द देव ने समयसार बनाया मंदिर
अमृतचंद्र देव ने रखा उस पर कलश अति सुंदर।
कहान गुरूदेव ने फहराया पचरंगी मनहर
ये समयसार बनाया गया है मेरे लिए।।