ये धर्म हमारा है, हमें अति प्यारा है,
हम है इसी की शान में॥ टेक॥
सिद्धों ने फरमाया है तू बन सकता भगवान है,
इतनी तुझमें शक्ति है पा सकता केवलज्ञान है।
थोड़ा सा श्रद्धान कर ज्ञान गौरव जहान का ॥१ ।। ये धर्म हमारा…
अनेकान्त और वीतरागता जैनधर्म के प्राण हैं,
द्रव्यदृष्टि से देखे तो सब प्राणी सिद्धसमान है।
अब तो चेतन जान को मान लो मार्ग निर्वाण का ॥२॥ ये धर्म हमारा…
तीर्थंकरों की देशना और उनका ये सन्देश है,
प्रथम अन्तरंग नग्नता फिर बाह्य दिगम्बर वेष है।
ये ही सच्चा मार्ग है-२ भेदज्ञान का ॥३॥ ये धर्म हमारा…