ये/ यह धरम है आतम ज्ञानी का | Ye Dharm Hai Aatmgyani Ka

यह धरम है आतम ज्ञानी का, सीमंधर महावीर स्वामी का,
इस धर्म का भैया क्या कहना, ये धर्म है वीरों का गहना,
जय हो जय हो जय हो…(1)

यहां समयसार का चिंतन है, यहां नियमसार का मंथन है,
यहां रहते हैं ज्ञानी मस्ती में, मस्ती है स्व की अस्ति में,
जय हो जय हो जय हो…(2)

अस्ति है मस्ती ज्ञानी की, ये बात है भेद विज्ञान की,
यहां झरते हैं झरने आनंद के, आनंद ही आनंद आतम में,
जय हो जय हो जय हो…(3)

यहां बाहुबली से ध्यानी हुए, यहां कुंद्कुंद जैसे ज्ञानी हुए,
यहां सतगुरुओं ने ये बोला, मेरा जैन धर्म ही अनमोला,
जय हो जय हो जय हो…(4)

Artist - अज्ञात
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