कुण्डलपुर वारे कुण्डलपुर वारे, वीरजी हमारे कुण्डलपुर वारे ॥
माँ त्रिशला घर जनम लिया है, माता की कोख को धन्य कियो है।
नृप सिद्धार्थ के आँखों के तारे वीर जी हमारे… ॥(1)
स्वर्गपुरी से सुरपति आये, ऐरावत हाथी ले आये |
रतन बरसाये और न्हवन कराये वीर जी हमारे… ॥(2)
देखो भैया इन्द्र भी आये, पञ्च कल्याणक का उत्सव मनाये |
सभी हर्षाये और खुशियाँ मनाये वीरजी हमारे…॥(3)