ऊंचे ऊंचे शिखरों वाला रे, यह तीरथ हमारा
तीरथ हमारा हमें लागे है प्यारा ॥
श्री जिनवर से भेंट करावे, जग को मुक्तिमार्ग दिखावे।
मोह का नाश करावे रे, ये तीरथ हमारा ॥(1)
शुद्धातम से प्रीति लगावे, जड चेतन को भिन्न बतावे।
भेद विज्ञान करावे रे, यह तीरथ हमारा ॥(2)
भाव सहित वंदे जो कोई, ताहि नरक पशुगति नहिं होई।
भेद विज्ञान करावे रे, ये तीरथ हमारा ॥(3)
रंग राग से भिन्न बतावे, शुद्धातम का रूप बतावे।
मुक्ति का मारग दिखावे रे, ये तीरथ हमारा ॥(4)