उड़ उड़ रे म्हारी ज्ञान चुनरियाँ | udd udd re mhari gyan chunariya

उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे।
उड़ उड़ रे म्हारी ज्ञान चुनरियाँ
तारणहारा प्रभुजी घर आवे, तारणहारा प्रभुजी घर आवे रे आवे - २

स्वर्ग पुरी से प्रभु जी पधारे हो ऽऽ… जग को मुक्ति मार्ग बताये।
कण कण में… कण कण में छाई है खुशियाली ॥१॥
तारणहारा प्रभुजी घर आये… रे आवे तारणहारा प्रभुजी घर आवें।-२

समकित सुगन्धी दश दिश महके होऽऽ… चैतन्य परणति पंछी चहके।
दुल्हन सी… दुल्हन सजी नगरी प्यारी ॥२॥
तारणहारा प्रभुजी घर आये… रे आवे तारणहारा प्रभुजी घर आवें।-२

त्रिभुवनपति की शोभा न्यारी होऽऽ… अन्तरपरणति निजरस पागी।
मुक्ति का… मुक्ति का मार्ग पाये नर नारी ॥३॥
तारणहारा प्रभुजी घर आये… रे आवे तारणहारा प्रभुजी घर आवें।-२

रचयिता - डॉ. विवेक जैन, छिंदवाडा

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