तू ही शुद्ध है, तू ही बुद्ध है | Tu Hi Suddh Hai, Tu Hi Buddh Hai

तू ही शुद्ध है, तू ही बुद्ध है,
तू ही गुण अनंत की खान है ||सुन चेतना अब जागना…

कोई कर्म तुझको छुआ नहीं, तुझे कुछ भी तो हुआ नहीं |
तू ही ज्ञेय, ज्ञाता ज्ञान है, अंतर में तू भगवान है। सुन चेतना अब जागना…(1)

नि:कलंक है निष्काम है, निर्वेद है निर्विकार है |
निर्दोष है, निष्पाप है, निर्लोभ निराकार है। सुन चेतना अब जागना…(2)

मेरे ज्ञान में सब ज्ञान है, तू सूर्य रश्मि खान है।
उपयोग में उपयोग है, तू बन रहा अन्जान है। सुन चेतना अब जागना…(3)

तेरी आत्मा ध्रुव सिद्ध जो, परमात्मा से कम नहीं |
तू एक ज्ञायक भव बस, परिपूर्ण प्रभुतावान है। सुन चेतना अब जागना…

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Beautiful Bhajan with heart touching lyrics sung melodiously in soothing voice.