ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेगे
ना ये राग होगा…
विकल्पों से मुक्ति सदा को मिले
विकल्पों से मुक्ति सदा को मिले
मेरी परिणति ज्ञान में ही रहे
विकारों के बिन निर्विकारी रहेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेगे
ना ये राग होगा…
महा पुण्य से आपको नाथ पाया
महा पुण्य से आपको नाथ पाया
मेरा नाथ मुझमें ही तुमने बताया
नहीं वेदना मोह की अब सहेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेगे
ना ये राग होगा…
नहीं अंश जड़ का कोई मुझमें आया
नहीं अंश जड़ का कोई मुझमें आया
ये अदभुत रहस्य नहीं जान पाया
त्रिकाली ही थे हम त्रिकाली रहेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेंगे
ना ये राग होगा…
अवस्थाओं में ही रहा मैं तो तन्मय
अवस्थाओं में ही रहा मैं तो तन्मय
ना जाना स्वयं मैं हूं ध्रुव एक चिन्मय
है संकल्प अब द्रव्य दृष्टि धरेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेंगे
ना ये राग होगा…
मिलेगी अनाकुलता विषयों में भारी
मिलेगी अनाकुलता विषयों में भारी
रही मूढ़ता जीव की ये विकारी
नहीं आश अनुकूलता की रखेंगे
ना ये राग होगा ना रागी रहेंगे
सदा हम तो बस वीतरागी रहेंगे
ना ये राग होगा…