जिसमें आनंद है जो स्वयं आनंदमय है जिससे आनंद छ्लक रहा है वह कौन है?

है आनंद अनूपम जिसमें ।
है जो पूर्ण स्वयं आनंदमय ॥
छलक रहा है आनंद जिससे ।
कहते है ज्ञायक प्रभु उससे ॥