उत्तम ब्रह्मचर्यमय जीवन
(तर्ज : हूँ स्वतंत्र निश्चल निष्काम)
उत्तम ब्रह्मचर्यमय जीवन |
साँचा सहज मुक्तिमय जीवन || टेक ||
है सादा संतोषी जीवन,
सहज शांत आनंदमय जीवन |
निर्विकार तृप्तिमय जीवन,
सहज सरल निर्द्वन्द्व है जीवन || 1 ||
निर्मोही निर्ग्रन्थ है जीवन,
ज्ञान प्रकाशमयी है जीवन |
आत्माराधनमय है जीवन,
निरपराध निष्पाप है जीवन || 2 ||
सहज समाधिमय है जीवन,
स्वाभाविक आदर्श है जीवन |
सहज परम निरपेक्ष है जीवन,
अभय रूप समतामय जीवन || 3 ||
सहज पवित्र अलौकिक जीवन,
सम्यक् रत्नत्रयमय जीवन |
निर्भय निर्मल निष्कल जीवन,
शाश्वत परम ब्रह्ममय जीवन || 4 ||
Source : “जिन भक्ति सिन्धु”
Artist: ब्र. श्री रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’