हमारे शास्त्रों में स्त्री जाति को भगवान का अभिषेक करने का पात्र नहीं बताया, इसमें सब स्त्रियां(देवी) शामिल हैं।
(मात्र स्त्री विशेष पर विचार किया जाए तो)
भगवान का न्हवन पुरुष ही कर सकतें हैं, स्त्रियां नही, लेकिन ये प्रश्न सार्थक प्रतीत होता है क्योंकि दक्षिण भारत में ये सामान्यतः देखा जाता है कि वहां स्त्रियां अभिषेक करतीं हैं, इसका कारण है/- कि प्राचीन काल में जब पुरुषों को समय नहीं मिलता होगा अभिषेक का तो स्त्रियां जाकर कर आती थी, ऐसा सुना है मैंने बड़ों से , इस वजह से वहां परम्परा चल पड़ी लेकिन वह समीचीन नहीं है।
तथा अभिषेक इसीलिए भी नहीं कर सकतीं क्योंकि जिनका अभिषेक किया जाता है वे पुरुषलिंग वाले हैं और स्त्रियां उनसे विपरीत लिंग वालीं होतीं हैं, शील भंग का प्रसङ्ग बनता है। (देवियाँ भी सम्मिलित)
अभिषेक ना करने का कारण
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