सरकार या संस्कार

सरकार या संस्कार…?

आज इस बात को जानने की महती आवश्यकता आ पड़ी है, कि यह कोरोना नाम की महामारी कहाँ से , कैसे और क्यों आयी हैं ?

  • आज सारा विश्व एक साथ खड़े होकर चीन को दोषी ठहरा रहा है , ये ही दावा किया जा रहा है कि अगर चीन ने सावधानी बरती होती या सुपरनेशन बनने का उस पर भूत न सवार होता तो आज यह परेशानी हमारे माथे नही आती , लेकिन मैं आपसे पूछता हूँ कि चीन में इस वायरस का स्रोत बताया जा रहा है मांसाहार । तो क्या वास्तविकता में चीन इसका जिम्मेदार है ?

इसकी महत्ता इसलिए नही है कि इसने काफी हिंसा की है और ना ही इसलिए कि यह विदेश से आया है । एक दिन में लाखों रुपये खर्च करने वाले बड़े बड़े लोग भी बीमारियों का शिकार होते हैं ।-

सोनाली बेंद्रे - कैंसर
अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस
(कंधे की गंभीर बीमारी)
इरफान खान - कैंसर
मनीषा कोइराला - कैंसर
युवराज सिंह - कैंसर
सैफ अली खान - हृदय घात
रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट
अनुराग बासु - खून का कैंसर
मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर
शाहरुख खान - 8 सर्जरी
(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)
ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर
राकेश रोशन - गले का कैंसर
लीसा राय - कैंसर
राजेश खन्ना - कैंसर,
विनोद खन्ना - कैंसर
नरगिस - कैंसर
फिरोज खान - कैंसर
टोम अल्टर - कैंसर…

● जब भी इन नामों पर नज़र डालते हैं तो दिखाई देता है कि इनके पास पैसे की कोई कमी नही , इनको सुरक्षा स्वयं सरकार से मिलती है , लेकिन फिर भी इतनी भयानक बीमारियाँ हो जाती है , तो आम आदमी की तो बात ही क्या ?
लेकिन नही…! इस मायने मैं कहता हूँ , कि मरने वाले ऐसे ही लोग हैं , और इसी प्रकार मरेंगे । क्योंकि इनका जीवन अच्छा (बाहर से ) तो लगता है , परन्तु सात्विक नही होता ।

● जी हाँ , ये वो लोग हैं या थे-
जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई ?

● क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल बहुत कम करते है। या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा। कितनी भी फ्रूटी पी लो ,वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से लाख गुण अच्छा था।

● आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए जहां एक भी कीटाणु ना हो।बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो, वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।
कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे। समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है। एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग सेनिटाइजर लगाते हुए देखते हैं हम।

● इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।
आपने कभी गौर किया है …?
पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों की एक बुखार में धरती घूमने लगती है। और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।
क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है। क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है। प्राकृतिक चीजों को अपनाओ!
विज्ञान के द्वारा लैब में तैयार हर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक है!

आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या कोरोना मानी जा रही है , कोई गरीबी , कोई भ्रष्टाचार , कोई ग्लोबल वार्मिंग , कोई प्रदूषण , कोई कुछ - कोई कुछ …! समस्याओं का अंबार लगा रखा है , लेकिन सबसे बड़ी समस्या क्या है…जानतें हैं आप…?

~ नही…! आज देश की सबसे बड़ी समस्या है /-
1. वास्तविक समस्या की खोज खो गयी है ।
2. किसी को भी हमने समस्या बना लिया है ।
3. उन तथाकथित समस्याओं के समाधान भी नही दिए जा रहे हैं ।
4. सारा बोझ सरकार पर डाल दिया है ।
5. हमे अपने अधिकार ही याद हैं , कर्तव्यों का विस्मरण कर दिया है

★ यदि वास्तविक समस्या जानना चाहतें हैं , तो अपने घर मे ढूंढिए । आज देश की सबसे बड़ी समस्या कोई बाहरी महामारी नही , अपितु हमारी युवा पीढ़ी है ।
जी हाँ…! , आज हमारी युवा पीढ़ी किस दिशा में जा रही है, उसका हमें विचार ही नही ।

  1. किसी मांसाहारी तथा व्यसनी व्यक्ति को युवाओं का आदर्श ( YOUTH ICON ) बनाकर हमने ही तो खड़ा किया है , तो और किसी से क्या उम्मीद करें …?

  2. हमने ही तो अपने बच्चों को कहा था कि " , ’ जाओ बेटा…! ’ , वे आपको ज्ञान की बक्त बताएंगे , उनका जीवन देखों …! "

  3. यदि हमारा स्वयं पर और अपने परिवार पर नियंत्रण होता तो आज समाज की यह हालत न होती ।

  4. मैने बचपन में एक पंक्ति कई बार सुनी कि " India is the land of Customs , Traditions and Ethics…" लेकिन ये तथ्य मैं कभी घटित नही कर पाया …!

सोचने की जरूरत है , की यदि दम शुद्ध जीवन - शुद्ध खान-पान अपनाएंगे , तो न तो हम , न ही हमारा समाज और न ही हमारा देश कभी किसी समस्या से जुंझेगा …।

● एक बात हमेशा ध्यान रखनी होगी कि
संस्कार बहुत जरूरी है , बाकी सब मजबूरी है ।

~ आपका
Sanyam Shastri…

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