दीक्षा के संबंध मे।

भाई, आपने गुणस्थान पढ़ा है
उसमे पहले 4 था सम्यक्त्व,5 व अणुव्रत,6 वा मुनिधर्म और फिर आगे यही क्रम है।
आप रत्नाकरण्ड श्रावकाचार का index देख लीजिए, हमे आचार्यो के भाव को हमे समझना चाहिए।

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