तीर्थंकर नाथ पधार्या जी | Teerthankar Nath Padharya Ji

तीर्थंकर नाथ पधार्या जी ।।
म्हारा मनवा अति हर्षाया जी

तीर्थंकर नाथ पधार्या जी, म्हाने चेतन प्रभु मन भाया जी ।
तीर्थंकर नाथ पधार्या जी, म्हारा स्वामी आज पधार्या जी ।।
प्रमुदित धरा, कपित इंद्रासन, षोडश स्वप्न रु कारण भावन ।
एरा माँ एरावत आँगन, धनि धनि धुनि, विश्व मन आनन ।।
मुक्ति-स्यन्दन घर आया जी!
तीर्थंकर नाथ पधार्या जी ।
मेरा कर्म-रिपु मुरझाया जी ।। तीर्थंकर नाथ…

अनुपम अमल अस्वेद अतुलबल, श्वेत रुधिर सहस्र अठ लक्षण ।
सुरभित वपु मृदु-वच सम-संहनन, उत्तम देह चरम सर्वोत्तम ।।
देखत ही शांति पाया जी, सम्यक्दर्शन प्रगटाया
तीर्थंकर नाथ पधार्या जी ।
चतन में चित ललचाया जी ।। तीर्थंकर नाथ…

भव-दुख-मथन, भविक-मुख-चंदन, उत्तम-गुण-वारिधि! सुधि-वंदन!
दर्श तुम्हारा मुक्ति-दर्पण, नाथ तुम्हें यह जीवन अर्पण ।।
मुक्ति आमंत्रण आया जी ।
तीर्थंकर नाथ पधार्या जी ।
म्हारा रोम रोम हर्षाया जी ।। तीर्थंकर नाथ…
मंगल शरणोत्तम पाया जी ।। तीर्थंकर नाथ…

Lyrics- Anubhav Ji, Kareli