तीन भुवन के नाथ पधारे | Teen Bhuvan Ke Nath Padhare

श्रीमद महंता , शिवतियकंता , सुगुण अनंता , भगवंता ।
भवभ्रमण हनंता , सौख्य अनंता , दातारं तारणवंता ।।

आनंद अंतर में न समाये, आँगन मंगल बेला आई ।
सुरबालायें कलश सजायें, स्वर्गों ने भी निधियाँ पायीं ।।
मुक्ति मारग आज खुला रे, अनुपम अवसर ये आया रे,
धनि धन्य हुए नर नारी, आज दर्शन से ।।
तीन भुवन के नाथ पधारे , गूंजें मंगल जयजयकारे
आओ! मुक्ति स्वयं पुकारे , महा-उत्सव में -2

सुरपति स्वर्ग धरा पर लाये, शची रत्नों के चौक पुराये ।
रवि शशि कल्प कांति शरमाये, सौम्य शांति प्रभु जग ने पाये ।।
ज्ञानानंद पलने में झूलें, भविजन देख देख हरषाए ,
धनि धन्य हुए नर नारी, प्रभु पर्शन से ।। तीन भुवन के…

प्रभु स्वयं भगवान बनेंगे, भविजन का कल्याण करेंगे ।
समवसरण में सुशोभित होंगे, चिदायतन में विराजित होंगे ।।
समकित मेरे मन भाया रे, मंगल अवसर ये आया रे ,
धनि धन्य हुए नर नारी, आज दर्शन से ।। तीन भुवन के…

Lyrics- Gyayak Ji