स्वागतम् जिनवरम् | Swagatam Jinvaram

मंगल प्रतिष्ठा का, आया महोत्सव महा ।
दिव्यध्वनि के नाद से, गूंजेगा सारा जहां ।।
स्वागतम् जिनवरम् , स्वागतम् गुरुवरम् ।
स्वागतम् जिनश्रुतम् , शुभ अभिवादनम् ।
स्वागतम् स्वागतम् , प्रिय साधर्मी जन ।
भविजन आयो रे , पञ्चकल्याणकम् ।।

आत्म शुद्धि की पहल, हम भी करें ।
वीतरागियों के शहर, आओ चलें ।
कण कण यहाँ मुस्का रहा, आनंद मंगल छा रहा ।
भक्त से भगवान का, ये सफर मन भा रहा ।।
प्रभु जी आएंगे, सुख बरसाएंगे ।
ज्ञान आनंद के, फूल खिल जाएंगे ।। स्वागतम् स्वागतम्…

हस्तिनापुर धन्य धरा, आमंत्रण दे रही ।
चिदायतन ध्रुव तीर्थ की, स्वागत कर रही ।
शांति प्रभु का शुभ आगमन, मंगल प्रतिष्ठा उत्तम शरण ।।
पाषाण खुद जीवंत हो, खोलेंगे मुक्ति का गगन ।।
तोरण सज रहे, मृदंग बज रहे ।
ज्ञान आनंद के, झरने झर रहे ।। स्वागतम् स्वागतम्.

Lyrics by - @Samkit_Jain1 @Anuj_Jain