स्वागत करते आज तुम्हारा | Swagat karte aaj tumhara

स्वागत करते आज तुम्हारा… |
आओ आओ हे प्रिय मेहमान, मंगल स्वागत है ।। टेक ।।

स्वागत करते हैं जिनवर का, परमपूज्य तीर्थंकर प्रभु का ।
स्वागत है निर्मल परिणति में, मंगलमय चेतन ज्ञायक का ।।
प्रभु के चरणों में वन्दन कर, श्रद्धा सुमन को अर्पण कर ।
तुम धन्य बनो मेहमान! मंगल स्वागत है ।। १ ।।

सारा भूमण्डल रोमांचित, कण-कण में छाई हरियाली ।
तीर्थंकर के शुभागमन से, भरतक्षेत्र की छटा निराली ।।
हम तुम सब स्वागत करते हैं, चरणों में वन्दन करते हैं ।
तुम भले पधारे भाग्यवान, मंगल स्वागत है ।। २ ।।

पंच प्रभु में भक्ति तुम्हारी, निशदिन हो भावना हमारी ।
प्रभु के पंचकल्याण महोत्सव की हमने करली/ करली हमने तैयारी ।।
शुद्धातम को लक्ष्य बनायें, रत्नत्रय निधियाँ प्रगटायें ।
जन-जन का हो कल्याण, मंगल स्वागत है ।। ३ ।।

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