सोलह स्वपन, मैंने देखे हैं साजन | solah swapan maine dekhen hain saajan

सोलह-सोलह स्वपन, मैंने देखे हैं साजन,
हर्षित है मन क्यों आज।
बोलो-बोलो जी स्वामी,
बोलोजी नाथ मेरे स्वपन का राज॥

हाथी भी देखा वृषभ भी देखा, सिंह और लक्ष्मी का अवतार
बलवान होगा पुत्र हे मात, कर्मठ होगा तेरा लाल
प्रतापी सुत की है तू मात, ज्ञान लक्ष्मी को धरनार
बोलो बोलोजी रानी, बोलोजी रानी अगले स्वपन का हाल ॥१॥

माला भी देखी चन्द्र भी देखा, देखा चढ़ता सूर्य प्रकाश
कोमल होगा पुत्र महान, शीतल होगा वह गुणखान
काटेगा अज्ञान अंधकार, होगा वह तो सूर्य समान
बोलो बोलोजी रानी, बोलोजी रानी अगले स्वपन का हाल ॥२॥

कलश भी देखा मीन भी देखी, सागर और सरोवर शान्त
गम्भीर होगा सिंधु समान, होगा ज्ञान-सरोवर खान ।
नाभिराय का यह दरबार, आज सुनाओ जी महाराज
बोलो बोलोजी रानी, बोलोजी रानी अगले स्वपन का हाल ॥३॥

सिंहासन और देव विमान, देखा रत्नों का भंडार
जीतेगा तीन लोक को नाथ, लायेगा उन्हें देव विमान
अवधिज्ञान विशाल भवन, सोहे गा वो रत्न समान
बोलो बोलोजी रानी, बोलोजी रानी अगले स्वपन का हाल ॥४॥

उज्ज्वल-उज्ज्वल अग्नि समान, लाल करेगा अहो निहाल
मुख में स्वर्ण वृषभ जो आय, मानो तीर्थङ्कर अवतार
सफल हुई नारी पर्याय, त्रिभुवन है नतमस्तक आज
बोलो बोलोजी रानी, बोलोजी रानी अगले स्वपन का हाल ॥५॥