सारौ दिन निरफल खोयबौ करै छै । Saro Din Nirfal Khoybo kare che

सारौ दिन निरफल खोयबौ करै छै

(राग खमाच)

सारौ दिन निरफल खोयबौ करै छै
नरभव लहिकर प्रानी बिनज्ञान, सारौ दिन निरफल खोयब करै छै ।
परसंपति लखि निजचितमाहीं, विरथा मूरख रोयबौ करै छै ।। १ ।।
कामानलतैं जरत सदा ही, सुन्दर कामिनी जोयबौ करै छै ॥ २ ॥
जिनमत तीर्थस्थान न ठानै, जलसों पुद्गल धोयबो करै छै ।। ३ ।।
‘भागचन्द’ इमि धर्म बिना शठ, मोहनींद में सोयबौ करै छै ॥ ४ ॥

रचयिता: कविवर श्री भागचंद जी जैन