साधना के रास्ते, आत्मा के वास्ते चल रे राही चल।
मुक्ति की मंजिल मिले, शान्ति की सरसिज खिले।।
चल रे राही चल।।टेक।।
कौन है अपना यहाँ, किसको पराया हम कहें।
एक की आखों में खुशियां, एक के आँसू बहैं।।।
आत्म के मंदिर चले, ज्योति से ज्योति जले।
चल रे राही चल।।१।।
ज्ञान ही अज्ञान था, तो भटकते ये हर जनम।
छल कपट माया दुराचार, कर रहे थे हर कदम।।
बात हो कल्याण की, हो शरण भगवान की
चल रे राही चल।।२।।
Singer: @Asmita_Jain