रंग बिरंगी होली आई | Rang birangi holi aayi

रंग बिरंगी होली आई,खुश होते सब बहनें भाई
आओ अनोखी होली खेलें, जो खेली मुनिराजों ने
करुणा क्षमा का रंग बनायें, ज्ञान गुलाल सदा उडायें।
सम्यग्दर्शन ज्ञान चरित की पिचकारी हम लेकर आयें।
मम्मी ने समझाया हमको, नहीं किसी पर रंग डालना।
नहीं दीवारें गंदी करना, नहीं कहीं पर रंग उड़ाना।
इनसे नहीं कुछ लाभ है भाई
पानी जितना खर्च करोगे, उतना पाप कमाओगे
धर्म भाव की होली खेलो, तो आनंद मनाओगे।
इसमें ही हम सबकी भलाई।