प्रभु विनति लेकर आये हैं | Prabhu vinit lekr aaye hain

प्रभु विनति लेकर आये हैं, भगवान तुम्हारे चरणों में।
मेरे भक्ति भाव को मिल जाए, स्थान तुम्हारे चरणों में।।टेक।।

धन यौवन पर अभिमान न हो, मिथ्यात्व से पूरित ज्ञान न हो,
श्री देव-शास्त्र-गुरुवर्यों का, भूले से भी अपमान न हो।
मैं बनके रहूँ इक धर्ममयी, संतान तुम्हारे चरणों में।।१।।

व्रत नियम अटल संकल्प अटल, किसी स्थिति में चारित्र छूटे न,
तेरे चरणों में गज मुक्ता, रत्नों को अर्पण कर दें हाँ।
यदि कुछ न बने तो मैं रख दें, निज प्राण तुम्हारे चरणों में।।२।।