धरती पे कैसी ये बहार , जो हिल मिल गाती है
रत्नों की वर्षा से भीगी जाती है ।
कैसी ये बहती बयार जो मन को भाती है
प्रभु के आने की आहट आती है ।।
चालो री सखियां, माता के अंगना
प्रभु की शैय्या सजाना है ।
तत्वों की चर्चा, मां से करेंगे
उनका मन बहलाना है ।।
देखो आने वाले मां को सोला सपना ।
चहकने वाला है ये घर अपना ।
आनंद की बगिया महक जाती है ।। प्रभु के आने…
निर्मल होगी, मां की परिणति
आनंद धारा झरती है ।
उद्भव होगा, तीर्थेश्वर का
झूमे नभ जल धरती है ।।
शुभ आगमन की देखो मंगल घड़ियां ।
पुलकित है वसुधा सारी प्रभु भक्ति मां ।
ज्ञान की पावन बयार सुहाती है ।
प्रभु के आने की आहट आती है ।। प्रभु के आने…
भेदज्ञान का, काजल लेकर
मां की अखियां सजाएंगे ।
जिससे प्रभु जी, गर्भ में रहकर
गर्भ से भिन्न लखाएंगे ।।
आतम सरोवर में वे डुबकियां लगाएंगे ।
स्वयं भी तिरंगे और हमें भी तिराएंगे ।
मुक्ति के तट की तरंग आती है ।। प्रभु के आने…
Lyrics by- @Samkit_Jain1