प्रभु दर्शन की मंगल बेला | Prabhu darshan ki mangal bela

प्रभु दर्शन की मंगल बेला, महाभाग्य से पायी है।
देखो देखो प्रभु की मूरति, अद्भुत तृप्तिदायी है । टेक।।।

प्रभु के दर्शन प्रभु की पूजन, आराधन प्रभु की भक्ति।
करो परम उल्लास से, अब प्रगटाओ अपनी शक्ति ।।
देखो प्रभु ने अपनी प्रभुता, अपने में प्रगटायी है।।1।।

श्री जिनवर की वाणी सुनकर, वस्तु स्वरूप लखो सुन्दर।
भेदज्ञान की ज्योति जगाओ, अपनी निधि अपने अन्दर ।।
अन्तर में सुख शांति विलसती, यह श्रद्धा सुखदाई है ।।2।।

विषयों में अब नहीं भरमाओ, ध्येय रूप शुद्धातम ध्याओ।
तोरि सकल जग द्वन्द फन्द अब, सहजपने निज में रम जाओ।।
हो निर्ग्रन्थ परमपद पाओ, सदगुरू सीख सुनाई है ।।3।।

Artist: ब्र. श्री रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’

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