पंच प्रभु के संग हमको रहना है,
जिनवाणी माता ही सच्ची शरणा है
इसकी चर्चा चर्या में रहना है। पंच प्रभु के…
वाणी जो सुनेंगे खिलेंगे समकित फूल,
बात जो मानेंगे हटेंगे मिथ्याशूल ।
आतम की साधना हर क्षण करना है - 2
इसकी चर्चा - चर्या में रहना है। पंच प्रभु के…
अरिहंतो को जानो, अपने को पहिचानो,
सिद्ध प्रभु के जैसा, अपने को तुम मानो,
मुनिवर के जैसा अब हमको बनना है, - 2
इसकी चर्चा - चर्या में रहना है। पंच प्रभु के…
<रचयिता का नाम ज्ञात हो तो कृपया बतावें>