पापन सो नित डरिये, अरे मन पापनसों नित डरिये।।टेक ।।
हिंसा झूठ वचन अरु चोरी, परनारी नहीं हरिये।
निज पर को दुखदायन डायन तृष्णा वेग विसरिये।।१।।
जासों परभव बिगड़े वीरा ऐसो काज न करिये।
क्यों मधु-बिन्दु विषय के कारण अंधकूप में परिये।।२।।
गुरु उपदेश विमान बैठ के, यहाँ ते वेग निकरिये।
‘नयनानंद’ अचल पद पावै, भवसागर सो तिरिये।।३।।
Singer: @Aniteshj