नाचे रे इन्दर देव रे… नाचे रे इन्दर देव रे…
जन्म कल्याणक की बज रइ बधैया, मुक्ति में अब ना देर रे।
नाचे रे इन्दर देव रे॥ टेक॥
शिवादेवी के गर्भ में आये, देखो जी नेमिकुमार रे।
समुद्रविजय जी फल बतावें, होवे खुशियाँ अपार रे।।
नाचे रे इन्दर देव रे ।।1।।
शिवादेवी ने ललना जायो, जायो जी नेमिकुमार रे।
समुद्रविजय जी मुहरें लुटाये, देखो दोई-दोई हाथ रे।।
नाचे रे इन्दर देव रे ।।2।।
देव-देवियाँ स्वर्ग से आये, मन में खुशियाँ अपार रे।
छप्पन कुमारी मङ्गल गावें, गावें मङ्गलाचार रे।।
नाचे रे इन्दर देव रे ।।3।।