नाम तुम्हारा तारण हारा, कब तेरा दर्शन होगा।
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तू कितना सुन्दर होगा॥ टेक॥
सब नर मुनि तेरे चरणों में, निश दिन ध्यान लगाते हैं।
जो भी आता तेरे दर पर पे, मन वांछित फल पाता है।
धन्य यही समझेगा उस दिन, जिस दिन यह शरणा होगी। नाम तुम्हारा… ॥१॥
दीन दयालुता के हो सागर, जग में नाम तुम्हारा है।
जो भी आया दर पे तेरे, उसको पार लगाया है।
नाव से पार उतरने को बस, भावों का सरगम होगा। नाम तुम्हारा… ॥२॥