मूलन बेटा जायो रे साधो, जानै खोज कुटुम्ब सब खायो रे || टेक ||
जन्मत माता ममता खाई, मोह लोभ दोई भाई |
काम क्रोध दोई काका खाये, खाई तृषना दाई || १ ||
पापी पाप परोसी खायो, अशुभ करम दोइ माया |
मान नगर को राजा खायो, फैल परो सब गामा || २ ||
दुरमति दादी खाई दादो, मुख देखत ही मुओ |
मंगलाचार बधाये बाजे, जब यो बालक हुओ || ३ ||
नाम धरयो बालक को भोंदू, रूप बरन कछु नाहीं |
नाम धरंते पांडे खाये, कहत ‘बनारसि’ भाई || ४ ||
Artist - पं. श्री बनारसीदासजी