म्हारे आंगन आज आई देखो मंगल घड़ी-²
मंगल घड़ी आई देखो पावन घड़ी
म्हारे आंगन आज आई देखो मंगल घड़ी-²
ऐरादेवी माताजी ने ललना झुलायो,
तीर्थेश्वर सुत विश्वसेन पायो-²
दुल्हन सी आज लागे देखो हस्तिनापुरी
म्हारे आंगन आज…
अंतिम जन्म लिया प्रभु तुमने-³
स्वानुभूति रमणी को वरने
फिर नरकों में भी पलभर देखो शांति पड़ी
म्हारे आंगन आज…
सुरपति ऐरावत ले आए,
शची इन्द्राणी मंगल गाएं
कलशा सजा ले आए क्षीर नीर भरी
म्हारे आंगन आज…
रत्नमयी पलने में झूलें,
पलने में झूलें देखो
निज वैभव के रत्न न भूलें
तीर्थेश्वर नाथ महिमा तुम्हरी जग में बड़ी
म्हारे आंगन आज…
रचनाकार: डॉ० विवेक जैन, छिंदवाड़ा