माता वामा जायो प्यारा, प्यारा ललना
अन्तिम भवधारी झूले पलना।
झूले पलना देखो पारस ललना-२ ।
तीन-तीन ज्ञानधारी शोभे ललना
परिणति प्रभु जी की क्या कहना-२।।टेक ।।
दश दिश फैली खुशियाँ, बाजे शहनाई रे।
अश्वसेन नृप द्वारे, गावत बढ़ाई रे।।
हिल-मिल…नृत्य करे सारी सखियाँ।।
जन्म कल्याणक की शुभ घड़ियाँ।।१।।
सुरपति उत्सव कीनो, अद्भुत नजारा है।
त्रिभुवन की शोभा न्यारी, होवे जयकारा है।।
भावना के …रंग सजी सारी नगरियाँ।
आनन्द रस की, झलकी है गागरिया।।२।।
रत्नत्रय से शोभित, प्रभु जी सुहावना।।
जिन शासन की होगी मङ्गल प्रभावना।
ज्ञान स्वभावी… आतम मेरे मन में आ गया।।
निज कल्याण का, अवसर आ गया।।३।।
माता वामा…