मंगलकारी प्रतिष्ठा , चिदायतन में
आओ जी , पधारो जी , चिदायतन में
शांतिप्रभु का पंचकल्याणक मिलके हम मनाएंगे ।
आनंद अमृत बरसेगा , प्रभु गुण गाएंगे ।।
आओ जी , पधारो जी ,
चिदायतन में , चिदायतन में ।। -2
मंगलायतन है मंगलकारी, चिदायतन है अति सुखकारी ।
कुंदकुंद की है फुलवारी, कहान गुरु की बात है न्यारी ।। आओ जी …
हे आतम तू परमातम है, कहान गुरु ने हमें बताया ।
ज्ञाता दृष्टा तू है भगवन, हमें गुरु ने ये समझाया ।। आओ जी**…**
नैनों में मेरे छवि समाई, भेदज्ञान की ज्योति जगाई ।
मैंने प्रभु जी, शांति पाई, राह मोक्ष की तुमने बताई ।। आओ जी …