मंगलाचरण - अरहन्त का शरणा जिसको मिले | Mangalacharan Arihant ka sharna jisko mile

अरहन्त का शरणा जिसको मिले ,
सिद्धों का शरणा जिसको मिले ।
समकित की किरण वो पाता है ।।
सौभाग्य मिला उस चेतन को ।
नरभव को सफल बनाता है ।।

हर गीत सुनाए महिमा तेरी ,
यह विश्व सुने महिमा तेरी ।
मुनियों ने सुनाई गाथा तेरी ,
गुण गान करे कविता मेरी ।।
नतमस्तक जब हम होते हैं -२
चरणों में मन रम जाता है ।।
सौभाग्य मिला उस चेतन को ।
नरभव को सफल बनाता है ।।1।।

पुण्योदय से नर जन्म मिला ,
जिनराज का हरदम साथ मिला ।
ओ सोने वाले जाग जरा ,
तेरी आतम को अवसर ये मिला ।।
जब भेद ज्ञान जीव करता है -२
शिवपुर का सुख पा जाता है ।।
सौभाग्य मिला उस चेतन को ।
नरभव को सफल बनाता है ।।2।।

जिनकी वाणी में अमिय झरे,
सुख सारे सभी आतम के मिलें
सुख शान्ति पवन लहरें लेवे-२
विपदा के बादल आप झरें
प्रभु चरणों में ज्योत लगाई है
मन जाने कहां खो जाता है।।
सौभाग्य मिला उस चेतन को ।
नरभव को सफल बनाता है ।।3।।

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