मैंने गुरुवर को है ध्याया, उनके उपदेशों को गाया
अब तो आतम में रम जाएँ ओ गुरुवर सम्यग्दर्शन पाएँ।।टेक।।
गुरु तुम सम्यक्ज्ञानी, तुम्हारा कोई न सानी
ओ मेरे गुरुवर भगवन्, ओ गुरुवर ओ …।।१।।
गुरु तुम आतमज्ञानी, मुक्ति का मार्ग बतावे
निजातम ज्ञान कराते, ओ गुरुवर ओ …।।२।।
गुरु तुम हमें बताते, आत्म चितवन कराते
सिद्धों से हमें मिलाते, ओ गुरुवर ओ…।।३।।
गुरु तुम ज्ञान के सागर, आत्मानंद दर्शायक
मुक्ति मार्ग के प्रदायक, ओ गुरुवर ओ…।।४।।