मैं हूँ पूर्ण ज्ञायक | Main Hun Purn Gyayak

मैं हूँ पूर्ण ज्ञायक, समयसार निर्मल, स्वयं ही प्रभु हूँ, स्वयं ही विभु हूँ |
मैं हूँ शुद्धात्म, सहज परमात्म,स्वयं ही ये सुखमय, स्वयं ही प्रभु हूँ ||

जहाँ ज्ञान दर्शन, सुख वीर्य प्रभुता, स्वच्छत्व विभुता प्रकाश अनंता |
एक ही समय में शक्तियां उछलती, सहज सुख सरोवर मैं हूँ पूर्ण ज्ञायक || (१)

जीवत्व मेरा है, स्वाधीन शाश्वत अनादि निधन नहीं जन्मता न मरता |
अक्षय अगुरुलघु, वैभव है मेरा, मुझमे सदा से, मैं हूँ पूर्ण ज्ञायक || (२)

नहीं पर से लेना नहीं पर को देना, नहीं कुछ कराना, नहीं कुछ भी करना |
पर से हूँ निर्मल, सहज ज्ञान भूषण, सहज शांतिमय हूँ, मैं हूँ पूर्ण ज्ञायक || (३)