महामंत्र णमोकार की रचना जिनवाणी का सार है
नमन करें हम वीतराग यही मंत्र नवकार है
आत्म साधना का पथ इसके सिबा न कोई दूजा
सिबा न कोई दूजा
मुक्त आत्माओं को इसने सिद्ध रूप में पूजा
हाँ सिद्ध रूप में पूजा
आत्म साधना का पथ इसके सिबा न कोई दूजा
मुक्त आत्माओं को इसने सिद्ध रूप में पूजा
हाँ सिद्ध रूप में पूजा
कहा हमारे रे रे रे रे… ए ए ए ए…
कहा हमारे मुनिराजों ने ओम का यह विस्तार है
नमन करें हर वीतराग को यही मंत्र नवकार है
महामंत्र नवकार की रचना आ आ आ आ…
सब धर्मों नें सुख समृद्धि और शांति हेतु एक मंत्र दिया
शांति हेतु एक मंत्र दिया
पर स्वार्थ की सिद्धि हेतु मानव ने इसको तंत्र दिया
मानव ने इसको तंत्र दिया
सब धर्मों नें सुख समृद्धि और शांति हेतु एक मंत्र दिया
पर स्वार्थ की सिद्धि हेतु मानव ने इसको तंत्र दिया
मानव ने इसको तंत्र दिया
जैन धर्म ने ने ने ने … ओ ओ ओ…
जैन धर्म ने अखिल विश्व को दिया मंत्र नवकार है
नमन करें हर वीतराग को यही मंत्र नवकार है
महामंत्र नवकार की रचना आ आ आ आ…