महाभाग्य जिनशासन पाया | Mahabhagya jinshashan paya

महाभाग्य जिनशासन पाया ज्ञानाम्यास करेंगे हम।
अपना मन नहीं भटकायेगें जिनवर पंथ चलेंगें हम।।टेक।।

तत्त्वों का सम्यक् निर्णय कर भेद विज्ञान करेगें हम।
तत्त्व विचार करें अंतर में आतम अनुभव करेंगे हम।। महाभाग्य…

भायेगें हम तत्त्व भावना समता भाव सजेगें हम ।
विषय कषाय परिग्रह तजकर निर्भय रूप धरेंगे हम।। महाभाग्य…

घोर परिषह उपसर्गों में ध्यान से नहीं चिगेंगे हम।
निज स्वभाव में लीन रहेंगे, अचल सिद्ध पद लहेंगे हम।। महाभाग्य…

रचयिता: ब्र. श्री रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’

6 Likes