तुमने जग में आकर बोलो, जग को क्या सहयोग दिया है?
जग से सब कुछ पाकर उसके हित में क्या विनियोग किया है।
कितना कर दुस्साहस तुमने, जग का वैभव अरे ! बटोरा।
अपने सागर से न किसी को, लेकिन भरने दिया कटोरा ॥
इसको कहाँ धरोगे आखिर, कोई पूछे तो क्या उत्तर ?
तुमने सोने के फल पाये, लेकिन क्या उपयोग किया है?
निज जीवन भी जरा सुधारा, या केवल उपदेश दिया है।
जीवन को पाकर यदि तुमने, रहने दिया न उसको जीवन।
क्या हक था दुनियाँ में तुमको, जीवित रहने का इतने दिन
अब क्या कहना है तुमको फिर, कोई पूछे तो क्या उत्तर..??
-अक्षयकुमार गंगवाल, सिराना