कितना प्यारा तेरा ये द्वारा | kitna pyara tera ye dwara

कितना प्यारा तेरा ये द्वारा, यही गुजाऊँ जीवन सारा।
तेरे दरश की लगन से, हमें आना पड़ेगा इस दर दुबारा- २॥ टेक॥

शान्त छवि मूरत तेरी महिमा अपरम्पार,
मैं अज्ञानी क्या गा सकें गाता है संसार।
भव-भव के बंधन कट जायें पापी भी यदि ध्यान लगायें ।
अंजन को भी तारा… ॥१॥

भूतकाल प्रभु आपका वह मेरा वर्तमान,
वर्तमान जो आपका वह भविष्य मम जान।
नित प्रतिदिन हम मन्दिर आयें, मोक्षमार्ग में हम लग जाएँ।
भव्यों को भी तारा…॥२॥

तुमको पूजें सुरपति, अहपति, नरपति देव,
धन्य भाग्य मेरो भयो, करन लग्यो तुम सेव।
प्रभु चरणों में ध्यान लगावें, आतमरंग में ही रंग जावें ॥
फिर तन मिले न दुवारा… ॥३॥

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