करो धर्म से प्यार अमृत बरसेगा | karo dharm se pyar amrut barsega

करो धर्म से प्यार अमृत बरसेगा-२
हो जाओ भव पार अमृत बरसेगा…।।टेक।।

अवसर रूप सुहाना आया, बड़ा पुण्य अवसर यह आया
जनम-जनम के पाप नशाया, प्रभु की पूजा आज रचाया
देख के मन हर्षाया, धर लो ध्रुव का ध्यान…।।१।।

सोच समझकर देख ले प्राणी, तेरी शक्ति सबसे न्यारी
पुण्य उदय से शुभ घड़ी आई, परमागम की बात सुहाई
कहान गुरु कही बात सुहाई, तू तो जाननहार।।२।।

एक झलक तू ले ले चेतन, ज्ञायक सुख की खान है चेतन।
दूर नहीं वो पास है चेतन, अदभुत शक्ति वाला चेतन।
तू स्वतंत्र निष्काम…।।३।।

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