जिनवाणी मैया से पूछे जीवलाला,
मैं तो हूँ गोरा मैया हुआ कैसे काला ।।टेक।।
बोली जिनवाणी मैया, भूल करी भारी,
आत्मा ने अनात्मा कर ली रिश्तेदारी।
मिथ्या और कषायों ने ऐसा जादू डाला,
इसीलिए काला ।।1।।
सुज्ञान शुक्ल लेश्या को तूने तजा रे ,
कुमत कृष्ण लेश्या के सर्व अंग कारे,
काले रंग वाली ने अपना रंग डाला,
इसीलिए काला ।।2।।
सम्यक्त्व साबुन ज्ञान, नीर को सजा ले,
चारित्र घाट पर तू जाकर नहा ले
अपने को रत्नात्रय से गोरा कर डाला
फिर कैसे काला ।।3।।