जिनप्रतिमा जिनवर सी कहिए | Jinpratima Jinvar Si Kahiye

भविक तुम वन्दहु मनधरभाव, जिनप्रतिमा जिनवरसी कहिए।
जाके दरस परम पद प्रापति, अरु अनन्त शिवसुख लहिए।।
जिनप्रतिमा जिनवरसी कहिए।।१।। टेक।।

निज स्वभाव निर्मल है निरखत, करम सकल अरि घट दहिए।
सिद्ध समान प्रगट इह थानक, निरख-निरख छवि उर गहिए।।
जिनप्रतिमा जिनवरसी कहिए ।।२।।

अष्टकर्म-दल भंज प्रगट भई, चिन्मूरति मनु बन रहिए।
इह स्वभाव अपनौ पद निरखहु, जो अजरामर पद चहिए।।
जिनप्रतिमा जिनवरसी कहिए ।।३।।

त्रिभुवन माँहि अकृत्रिम-कृत्रिम, वंदन नित-प्रति निरवहिए।
महा पुण्य संयोग मिलत है, ‘भैया’ जिनप्रतिमा सरदहिए।
जिनप्रतिमा जिनवरसी कहिए ।।४।।

Artist- भैया भगवतीदास जी

Singer: Amit Ji Indore

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